भारतीय वैज्ञानिकों ने वियतनाम में भी ढूंढ लिया 1100 साल पुराना शिवलिंग।
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Shivling |
आज हम बात करने वाले हैं, वियतनाम की जहां चल रही है प्राचीन हिंदू मंदिर के आसपास खुदाइ और उसी जगह खुदाई के दौरान मिलीं हैं 1,100 साल पुरानी शिवलिंग, और हेरान करने वाली बात तो यह है कि उस शिवलिंग को किसी भी तरह का कोई नुक्सान नहीं हुआ है, उस शिवलिंग को किसी भी प्रकार की हानि नहीं हूई है।
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सोनभद्र में छिपा है लाखों टन सोना जिसे आज तक कोई भी व्यक्ति नहीं ढूंढ पाया।
वियतनाम के हर कोने से मिले हैं भारतीय संस्कृति से जुड़े अवशेष।
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My son Temple Vietnam |
आप सब कि जानकारी के लिए बतादे की यह पहली बार नहीं है, की जब वियतनाम में प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेष मिले हों, इस से पहले भी यहां पर हिंदू शिल्पकला से बनाई गई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां देश के हर कोने से मिलीं है। यहां पर आज भी कई हिंदू मंदिर मौजूद हैं, पर पौराणिक होने के कारण इन मंदिरों की हालत बहुत ही ख़राब चूंकि है। लेकिन इस बात से पता चलता है कि प्राचीन काल से ही वियतनाम में हिंदू धर्म का काफी प्रभाव है, और इसी से पता चलता है कि प्राचीन काल में वियतनाम का भारत से बहुत ही गाढ़ संबंध रहा होगा।
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My Son Temple |
यहा पर पहले एंसीएंट चाईनीज कल्चर को माना जाता था। इसी से यहां पर बौद्ध धर्म की भी छाप देखने को मिल जाएगी। कई इतिहासकारों का मानना है कि यहीं पर भारतीय सभ्यता और चाईनीज सभ्यता सबसे पहले एकजुट वियतनाम में ही हुआ था।
वियतनाम में मौजूद हिंदू समाज को किम नाम से जाना जाता है ?
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Champa Community |
इस देश में आज भी बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोग रहते हैं, इन्हें चेम्पा हिंदू कहते हैं। इतिहासकारों का मानना है कि पहले यहीं चेम्पा समाज पूरी तरह से हिंदू धर्म को मानता था। लेकिन पहले बौद्ध धर्म यहां आया , उसके बाद इसलाम धर्म के आने के बाद चेम्पा समाज अलग-अलग धर्मों को मानने लगा।
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Champa People In Vietnam |
यही चेम्पा लोगों ने यहां पर हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया था। इन्हीं में से एक मंदिर है “माई सन्” टेम्पल, इस मंदिर का इतिहास में बहुत ही महत्व है, इसी लिए आर्क्योलोजी सर्वे आफ इंडिया ने यहां पर खुदाई का काम शुरू किया है। यह काम काफी समय से चल रहा था। सबसे पहले यहां पर कई प्राचीन मुर्तियो को ढूंढ निकाला गया। इन खंडहर बन चुके मंदिरों में ज़मीन के नीचे बहुत ही अच्छी हालत में कई मूर्तियां मिली। लेकिन कुछ दिन पहली ही वैज्ञानिकों को यहां पर बहुत ही अच्छी हालत में यह शिवलिंग मिला।
वियतनाम में मिलें शिवलिंग की बनावट कैसी है ?
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Shivlinga |
शिवलिंग को बालु पत्थर से बनाया गया है। यहां पर भगवान शिव को ही पुजा जाता था और उन्हें कई नामों से जाना जाता था। लेकिन उनका सबसे प्रसिद्ध नाम भद्रेश्र्वर था। आज भी चेम्पा समाज के लोगों में भगवान शिव के लिए अटूट आस्था है। उनका आज भी यही मानना है कि मृत्यु होने पर स्वयं भगवान शिव का नंदी बैल उन्हें लेने आता है।
इस शिवलिंग के मिलने के बाद भारत के एक्सटर्नल अफैर मिनिस्टर एस. जयशंकर ने ट्विट करइस कामयाबी पर खुशी जाहिर की है। इस ख़ोज का एक बहुत बड़ा महत्व है, जो भविष्य में भारत की संस्कृति को दौबारा जाहिर करने मैं बहुत बड़ा रोल निभाएगा।
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