हठयोग किसे कहते है ?
हठयोग किसे कहते है ?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस |
बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि हठ योग क्या है ? और इसे कैसे करते हैं ? तो आज हम आपको हठयोग के बारे में थोड़ी सी जानकारी देंगे।
अगर आप नाम से अंदाजा लगाएंगे तो आपको लगेगा कि हठ का मतलब जिद होती है, यानी कि हठ योग जिद पूर्वक या जबरदस्ती कीए जाने वाले योग को कहते होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। यह बात सही है कि हठ योग कठीन योग होता है। लेकिन इसका मतलब होता है, “ह” का मतलब होता है हकार अर्थात् सूर्य नाड़ी पिंगला और “ठ” का मतलब होता है ठकार यानी चंद्र नाड़ी इड़ा।
हठयोग |
इन योगों की पूरी श्रृंखला है, जिसे हठयोग कहते हैं। हठयोग एक तरह की योगशाला है, जिसे करने से इन्सान का मस्तिष्क और शारीरिक संतुलन बना रहता है। जो कि आज के शहरीकरण के दौर और अनियमित लाइफस्टाइल में काफी असंतुलित हो गया है। ऐसे में आज इस योगशाला की बहुत जरूरत है।
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हठयोग बहुत सारे योगासन की एक पूरी शृंखला है, इस योगासन के नियमित अभ्यास से खोइ हुई मानसिक शांति और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह योगासन मन को शांत कर और आत्मा की गुप्त शक्ति को जागृत कर संकल्प शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
हठ शब्द की रचना संस्कृत के हमारी और ठ दो अक्षरों से हुई है जिसमें “ह” का मतलब सूर्य और ठ का मतलब चंद्र है। वहीं योग शब्द इन दोनों को जोड़ने से बना है। सूरज और चंद्रमा का एक साथ होना ही हठयोग हैं। यह दोनों इंसानी शरीर के दो स्तंभ है। सूर्य जीवन की शक्ति प्राण स्वरुप है, तो आपके हृदय के माध्यम से कृयान्वित होकर सांसों तथा रक्त के संचार का कार्य करता है। वहीं चंद्रमा शरीर की अशुद्धियों को बाहर निकाल ने वाली सूक्ष्म जीवनीय शक्ति है।
आजकल लोगों की लाइफ बहुत ही व्यस्त और बेतर्ऊ होगई हैं। जिसमें लोगों को न सोने का नाटक उठने का कोई फिक्स समय है। सामुहीक पार्टीयों और हेंगआउट की वजह से असमय खा-पी रहे हैं, और फिर सुबह उठकर ओफिस जातें हैं। ऐसे में शरीर का बिमार होना लाजमी है। शरीर को इस तरह से बीमार होने से बचाने के लिए हठयोग बेहद जरूरी है।
इन सभी योगों की शृंखला को हठयोग शृंखला कहते हैं।
तो आइए जानते हठयोग के लाभ और उसे करने की सही विधि के बारे में।
Hath Yog |
हठयोग बहुत सारे योगासन की एक पूरी शृंखला है, इस योगासन के नियमित अभ्यास से खोइ हुई मानसिक शांति और स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह योगासन मन को शांत कर और आत्मा की गुप्त शक्ति को जागृत कर संकल्प शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
हठ शब्द की रचना संस्कृत के हमारी और ठ दो अक्षरों से हुई है जिसमें “ह” का मतलब सूर्य और ठ का मतलब चंद्र है। वहीं योग शब्द इन दोनों को जोड़ने से बना है। सूरज और चंद्रमा का एक साथ होना ही हठयोग हैं। यह दोनों इंसानी शरीर के दो स्तंभ है। सूर्य जीवन की शक्ति प्राण स्वरुप है, तो आपके हृदय के माध्यम से कृयान्वित होकर सांसों तथा रक्त के संचार का कार्य करता है। वहीं चंद्रमा शरीर की अशुद्धियों को बाहर निकाल ने वाली सूक्ष्म जीवनीय शक्ति है।
International Yoga Day |
आजकल लोगों की लाइफ बहुत ही व्यस्त और बेतर्ऊ होगई हैं। जिसमें लोगों को न सोने का नाटक उठने का कोई फिक्स समय है। सामुहीक पार्टीयों और हेंगआउट की वजह से असमय खा-पी रहे हैं, और फिर सुबह उठकर ओफिस जातें हैं। ऐसे में शरीर का बिमार होना लाजमी है। शरीर को इस तरह से बीमार होने से बचाने के लिए हठयोग बेहद जरूरी है।
आईए जानते हैं कि इसकी शृंखला क्या है।
World Yoga Day |
- सूर्य नमस्कार
- ध्यानासन
- बंध
- प्राणायाम
- कुंडली जागरण
- योग
इन सभी योगों की शृंखला को हठयोग शृंखला कहते हैं।
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