चूंदड़ी वाले माताजी का 91 साल की उम्र में हुआ निधन

चूंदड़ी वाले माताजी 91 साल की उम्र में ब्रह्म लिन्न हूए।

Death of chundadi vale mataji
Image of chundadi vale mataji
पिछले 80 साल से अन्न – जल बिना जीतें चूंदड़ी वाले माताजी, 91 साल की उम्र में ब्रह्मलिन्न हुए। चूंदड़ी वाले माताजी का नाम प्रहलाद जानी है। इन्होंने अपने गांव चारबाग में अंतिम सांस लिए। 28 मई, 2020 को अंबाजी में चूंदड़ी वाले माताजी को समाधि दी जाएगी।

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चूंदड़ी वाले माताजी ने पिछले 80 सालों से अन्न और जल नहीं लिया।

Chundadi vala mataji death
चूंदड़ी वाले माताजी (प्रहलाद जानी)



अब आपको बताते है कि कौन थे चूंदड़ी वाले माताजी ? गुजरात के चारडा में 13 अगस्त, 1929 को पैदा हुए प्रहलाद जानी, तब मात्र 10 साल के थे, जब चमत्कारिक घटनाक्रम के चलते उनकी भूख – प्यास चलीं गईं, और ना ही मल-मूत्र विसर्जन की आवश्यकता पड़ी। यह सिलसिला पूरे 80 वर्ष से क़ायम रहा। और 26 मई, 2020 के दिन उनका निधन हुआ।वह न केवल भूख-प्यास से उपर उठें, बल्कि उन्हें दिव्य दृष्टि भी प्राप्त हूई। दशक तक तिर्थायात्रा करते रहे, 3 साल तक उन्होंने कैलाश पर्वत पर तपस्या की और 25 साल तक वह मौन रहें। साधना की प्रोढ अवस्था में तपस्या के लिए गिरनार की तल्हाटी को चुना और यहीं साधना के दौरान उन्हें मां अंबा के दर्शन मिले और ऐसा माना जाता है कि मांअंबा ने अपनी चूंदड़ी उन्हें प्रदान की और इसलिए इनको चूंदड़ी वाले माताजी कहा जाता है।

मानव शरीर में मौजूद सात चक्र और उनके मंत्र।

प्रधानमंत्री कश्री नरेंद्र मोदीजी भी इनके भक्त हैं। चूंदड़ी वाले माताजी के नाम से भक्तों के बीच मशहूर बाबा का हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी से निकट का संबंध रहा है। कहां जाता है कि मोदीजी भी इनके अटूट भक्त हैं और इनमें श्रद्धा रखते हैं।

चूंदडीं वाले माताजी का जीवन विज्ञान के लिए भी पहेली बन कर रह गया है।

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