भारत की पहली अंतरिक्ष यात्री।
कल्पना चावला, भारत की पहली अंतरिक्ष यात्री। (Kalpana Chawla, India's first astronaut)
First astronaut of India "Kalpna Chawla" |
आज हम बात करेंगे, अंतरीक्ष की परी कहें जाने वाली भारत(India) की एक बहादुर बेटी की, जिसका नाम है कल्पना चावला। कल्पना चावला का जन्म भारत(India) में हरियाणा(Hariyana) के करनाल में हुआ था। कल्पना चावला अंतरीक्ष में जाने वाली पहली भारतीय थीं। उनके पिता का नाम बनारसी लाल ओर माता का नाम संज्योति है। बचपन में सब लोग उन्हें प्यार से मोंटू कह कर बुलाते थे।
वह उनके नाम के अनुरूप ही बहुत बड़ी कल्पना भरी सोच रखतीं थी। अपने पिता से विमान और चांद – तारों की बातें किया करती थी।
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भारत(India) से अमेरिका(America) तक का सफर।
Kalpana Chawla |
कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा करनाल की टैगोर विद्यालय में हूई, फिर कल्पना ने 1982 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से एरौनोटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद वो अपने सपनों को पूरा करने अमेरिका चली गई। जहां उन्होंने कोलोराडो विश्वविद्यालय से पीएचडी(PHD) की उपाधि प्राप्त की।
कल्पना चावला को साल 1988 में नासा(NASA) में सामिल किया गया। जहां रहकर उन्होंने बहुत सारी रिसर्च(research) की, उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए बाद में नासा(NASA) ने कल्पना चावला को अंतरिक्ष मिशन की टॉप 15 की टीम में शामिल किया। और देखते ही देखते उन 6 लोगों की टीम में भी उनका नाम आ गया, जिन्हें अंतरिक्ष में भेजा जाना था।
कल्पना चावला के करियर की शुरुआत।
Photo of Kalpana Chawla in Space Suite |
जिस समय भारत(India) के लोगों को अंतरिक्ष की समझ भी नहीं थी, उस समय भारत(India) की बेटी कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में जाकर पूरे विश्व जगत में भारत का परचम लहराया था। सभी ने उनके साहस को सम्मानित किया। और 5 साल के बाद फिर से नासा ने उन्हें अंतरिक्ष में भेजने के लिए चुना।
स्पेस(Space) में कल्पना चावला की अंतिम उड़ान।
Last photo of Kalpna Chawla & team |
कल्पना चावला की दूसरी उड़ान 16 जनवरी, 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल से ही आरंभ हूई। यह 16/3 का मिशन था। इस मिशन पर उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लगभग 80 परीक्षण और प्रयोग किए। लेकिन फिर वो हुआ जिसे सोचकर आंखें भर आती है। हाथों में फूल लिए हुए स्वागत के लिए खड़े हुए वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमी सहित पूरा विश्व उस दृश्य को देखकर शोक में डूब गया। धरती पर उउतरनें में सिर्फ 16 मिनट रह गए थे तब अचानक शटल ब्लास्ट हो गया, और कल्पना चावला के साथ सभी 6 यात्री मारें गए।
क्यूं नासा (NASA) को छुपाना पड़ा सच ?
NASA |
इस घटना के तुरंत बाद नासा(NASA) ने बयान दिया कि, जब यह स्पेस शटल धरती के वायुमंडल से बाहर हुआ तभी इसका एक टुकड़ा इन्श्यूलेशन की परत पर टकरा गया था और इसके कारण यह स्पेस शटल डेमेज हो गया था। मगर इसकी जानकारी हम सर्फेस शटल में बैठे यात्रियों को दे देते तो वह 16 दिन तक घूंट- घूंट ही जीते। इसी के कारण उन्हें कुछ नहीं बताया गया। कम से कम वो सभी अपनी जिंदगी के आखिरी पल तो खुशी खुशी जिलेते।
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