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कर्म क्या है ?

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कर्म क्या है ? Image of Buddha(from internet) एक बार गौतम बुद्ध से उनके एक शिष्य ने पूछा कि गुरु जी कृपया कर हमें बताइए कि “कर्म क्या है ?” तब उस प्रश्न के उत्तर में गौतम बुद्ध ने कहा कि कर्म को समझने के लिए में तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं। इस कहानी से तुम समझ जाओगे की कर्म क्या है ? आज हम उसी कहानी के बारे में बताएंगे जो कि गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को सुनाई थी। Advertise : show me गौतमबुद्ध अपने शिष्यों को कहानी सुनाते हैं। Buddha and Shishya(from internet) गौबुद्ध अपने शिष्यों को कहानी सुनाते हैं की बुलंद शहर का एक राजा था और वो घोड़े पर बैठकर एक दिन अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था। चारों तरफ भ्रमण करने के बाद वह एक दुकान के सामने आकर रुक गया, रुकने के बाद राजा ने अपने मंत्रि से कहा कि मंत्रीजी मालूम नहीं पर मुझे लगता है की इस दुकानदार को कल के कल फांसी की सज़ा सुना दूं, इसे मृत्यु दंड देने की मुझे इच्छा हो रही है। मंत्री राजा से इसका कारण पूछ पाते इस से पहले तो राजा उनके आगे निकल गए। मंत्रीजी इसका कारण पता करने के लिए अगली सुबह भेष बदलकर आम जनता का रुप ल...

रोयल एनफील्ड की सफलता की कहानी।

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रोयल एनफील्ड की सफलता की कहानी। Royal Enfield (Image from internet) आपने कई बार कहीं न कहीं युवाओं को कहते सुना होगा कि बाइक हों तो बुलेट जैसा, सायद इसी लिए यह बाइक रोड़ से ज्यादा लोगों के दिलों पर राज करती है, और इसकी एडवरटाइजिंग भले ही टेलिविजन पर न देखि हों लेकिन इस बाइक की ताकत से कोई भी अंजान नहीं है। Advertise : show me कहां से हुई थीं रोयल एन्फिल्ड की शुरुआत ? Founder Photo (Image From Internet) आज हम बात करेंगे रोयल एनफील्ड के बारे में जिस के न सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में करोड़ों चाहक है और इस ब्रांड की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की रोयल एनफील्ड के कस्टमर्स इतने लोयल होते हैं की इस की नई बाइक के लिए कई महीनों तक इंतजार कर सकते हैं और हा एक बात यह भी है कि रोयल एनफील्ड को एक इंडियन ब्रांड के तौर पर माना जाता है।लेकिन आप को यह जानकर हैरानगी होगी की, इस की शुरुआत लगभग 127 साल पहले इंग्लैंड में हूई थी। और फिर आगे चलकर यह भारतीय ब्रेंड कैसे बना ? इस के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। Four Wheel cycle (Image From Interne...

भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा ?

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भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा ? Bharat (image from the internet) आज हम आपको बताएंगे कि भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा ? हमारे देश की सिंधु घाटी सभ्यता बहुत ही प्रसिद्ध थीं और पूरे देश में सिंधु घाटी सभ्यता फैलीं हुई थींऔर हमारे देश में सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी सिंधु नामक नदी भी है और इस का दूसरा नाम इंडस वेली था। जिसे विदेशी लोगों ने रखा था। Advertise : show me किस भाषा में इंडिया नाम का अनुवाद किया‌ गया है ? सिंधु सभ्यता की वजह से भारत को पहले सिंधु भी कहा जाता था। जिस का यूरानि में मतलब होता है इंडोस और जब यह शब्द लेटिन भाषा में पहुंचा, तो यह नाम इंडिया में बदल गया, मगर जब यह नाम भारत को दिया गया तब भारत के लोगों ने इसका अस्वीकार किया। क्यूंकि यह नाम विदेशीयों की तरह से दिया गया था, और शुरुआत में इस नाम को उतना महत्व नहीं दिया गया। Indus valley (image from the internet) लेकिन जब शुरुआत में भारत में अंग्रेज आए थे तो उस समय भारत को हिंदूस्थान भी कहा जाता था। परंतु अंग्रेजो को भारत के सभी पुराने नाम बोलने में परेशानी आती थी। इस वजह से अंग्रेजों ने भारत को अपन...

भगवान विष्णु का वैकुंठ धाम कहा है ?

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भगवान विष्णु का वैकुंठ धाम कहा है ? Vikunth lok कभी न कभी आप सभी के मन में वैकुंठ धाम के बारे में विचार आया ही होगा और यह प्रश्न भी जरूर आया होगा कि आखिर वैकुंठ धाम हमारे अंतरिक्ष में कौन सी जगह पर स्थित है ? और साथ ही ब्रह्मा जी का सत्यलोक, इन्द्रदेव का इन्द्रलोक किस स्थान पर है ? आज हम आपको हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार इन सभी देव स्थानों के बारे में विस्तार में बताएंगे। Advertise : show me ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई थीं ? प्राचीन ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्म देव के जन्म के साथ होती है और जब ब्रह्म देव की आयु की समाप्ति होती है तों इस ब्रह्मांड का विनाश होता है और हर तरफ केवल अंधकार ही बच जाता है लेकिनन इतने बड़े इस ब्रंह्माड में ब्रह्म देव आखिर किस स्थान पर है ? भगवान विष्णु जी का वैकुंठ किस स्थान पर स्थित है ? ब्रह्माजी और विष्णु भगवान किस स्थान पर रहते हैं ? ब्रह्माजी जिस स्थान पर रहते है उसे सत्यलोक कहते हैं, और भगवान विष्णु जिस स्थान पर रहते है उसे वैकुंठ कहा जाता है। विष्णु पुराण में इन सभी स्थानों का वर्णन मिलता है। विष्णु पुराण के अनुसार...

क्या है ? इन शिव मंदिरों का रहस्य।

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क्या है ? इन शिव मंदिरों का रहस्य। A shiva Temple Create Straight line on India's map भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिर हजारों साल पुराने है, इनमें से कुछ मंदिर इतने अद्वितीय हैं कि बिना मोडर्न टूल्स के मदद के, हजारों साल पहले कैसे बनाया होगा यह आश्चर्यजनक बात है। Advertise : show me केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक। केदारनाथ से रामेश्वरम तक 7 ऐसे  शिव मंदिर है जो कि जियोग्राफी के लिए एक ही सीधी रेखा में है। मतलब, अगर आप मेप में देखें तो यह मंदिर एक ही लाइन में होंगे। इन सभी मंदिरों के  शिवलिंग  इन पांच तत्वों से बनें है। इनमें से 5 ऐसे शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग प्रकृति के पांच तत्वों को दर्शाता है। जैसे कि वोटर, एयर, फायर, अर्थ और स्पेस, यानी कि जल, वायु, अग्नि, धरती और आकाश। इन पांच शिव मंदिरों को “पंचभूतस्तलम” कहते हैं थिरूवनैकवल में द टेम्पल ओफ वोटर, थिरुवन्नमलइ में द टेम्पल ओफ फायर, कलहस्ति मैं द टेम्पल ओफ एयर, कांचीपुरम में द टेम्पल ओफ अर्थ और चिदंबरम में टेम्पल ओफ स्पेस। एकंबरेश्वर  मंदिर, कांचीपुरम (तमिलनाडु) एकंबेश्वर मंदिर (...

लाइफ स्टोरी ओफ एडवर्ड शीरन

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लाइफ स्टोरी ओफ एडवर्ड शीरन। Edward Sheeran (image from Interne) आज में बात करने वाला हुं सेप ओफ यू की तरह ही बहुत सारे हिट गाने देकर दुनिया में अपनी खास पहचान बनाने वाले सिंगर एडवर्ड शीरश के बारे में जिन्होंने बहुत ही कम समय में अपनी जादूई आवाज से लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बनाली और दोस्तों म्युजिक इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवार्ड 4 ग्रेमि अवार्डसे जीतना। उनके लाजवाब टेलेंट को साफ़ साफ़ दर्शाता है। Advertise : show me एडवर्ड शीरन को बचपन में कोन सी परेशानी का सामना करना पड़ा था ? Childhood Photo of Ed Sheeran  हालांकि वर्ल्ड के सबसे पोप्यूलर सिंगर्स में गिने जाने वाले एडवर्ड शीरश बचपन से ही बहुत हकला कर बोला करते थे। और शुरुआत में ही उन्हें स्कूल में बहुत ही बुरी तरीके से बुलि किया गया। हालांकि इन सभी परेशानियों से डटकर मुकाबला करते हुए एडवर्ड शीरन कैसे बनें दुनिया के सबसे चहेते सिंगर। कहां और कब हुआ था जन्म ? Ed Sheeran Photo From Internet इस कहानी कि शुरुआत होती है 17 फरवरी, 1991 से जब इंग्लैंड के हेलिफेक्ष नाम कि जगह पर एडवर्ड क्रिस्टोफर श...

“नाज़ी बेल” हिटलर की बनाई हुई एक टाइम मशीन

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““नाज़ी बेल” हिटलर की बनाई हुई एक टाइम मशीन Nazi Bell Photos From Internet हिटलर” सिर्फ नाम लेते ही सामने एक तस्वीर खड़ी हो जाती है। एक तानाशाह, एक हत्यारा, हजारों लोग हजारों नजरीए से इस इन्सान को देखते है। कुछ लोगों को मानव के रूप में दानव नज़र आता है, हजारों लोगों को उसमें एक हत्यारा नज़र आता है। Advertise : show me जब हिटलर ने जर्मनी में भर दी राष्ट्रवाद की ऊर्जा। The Photo of Hitler From Internet मगर यह तों मानना पड़ेगा कि हिटलर ने जर्मनी मैं राष्ट्रवाद की नई उर्जा भर दी थीं। महज़ कुछ ही सालों में डूबता हुआ जर्मनी ने सिर्फ दुनिया पर राज करने का सपना देखने लगा था, बल्कि लगभग उसने ऐसा कर ही दिया था। जब हमने इस इन्सान को अपने नजरिए से देखा तो हमें हिटलर औरों से काफी अलग लगा। बहुत से लोगों को पता नहीं पर हिटलर प्राचीन भारत के ग्रंथों और उनमें समाए ज्ञान से बहुत आकर्षित था, और उसे इनका महत्त्व भी भलीभांति पता था। और इसका सबसे बड़ा प्रमाण नाज़ी पार्टी का चिन्ह जिसे हिन्दू धर्म के स्वस्तिक को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। हां पर उसे हम स्वस्तिक नहीं मान ‌सकत...